How to Stop Snoring : जोर-जारे के खर्राटों से न हों शर्मिंदा, ये सुझाव मानें और दूर करें बीमारी

खर्राटे (Kharate) की समस्या महिलाओं और पुरुषों दोनों में आम है। 40 वर्ष के बाद महिलाओं (How to Stop Snoring) में यह समस्या होती है जबकि 30 वर्ष के बाद पुरुषों में यह समस्या शुरू हो जाती है। विशेष रूप से बुजुर्ग खर्राटों से कमजोर हो जाते हैं। ८० साल तक बुजुर्गों को खर्राटे ज्यादा आते हैं जबकि 50 साल की आयु तक महिलाओं को खर्राटे ज्यादा आते हैं।

जोरदार खर्राटे लेने से कैसे बचें – How to Stop Snoring

नींद में खर्राटे लेने वाले जब मजे से सो रहे होते हैं तो उन्हें पता नहीं होता कि आसपास वालों पर क्या गुजरती है। वे आमतौर पर खर्राटों की आवाज इतनी तेज होती है कि दूसरा व्यक्ति सो ही नहीं पाता या नींद से जाग जाता है। खर्राटों (Kharaton) के बारे में आम राय यही है कि जब हमारी नाक से हवा ठीक से नहीं घुस पाती तो भीतर के स्नोयु कंपन करते हैं और यही आवाज खराटे बन जाती है। जो लोग खर्राटे लेते हैं उनके गले और नाक के टिशु अकसर आकार में बड़े होते हैं।

हल्के में न लें खर्राटों की समस्या, जरूरी है निदान

खर्राटे (Kharate – Snoring) कई तरह के होते हैं। कुछ लोगों की श्वांश नींद में कई बार अवरुध हो जाती है। यह एक गंभीर अवस्था है जिससे हृदय और मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इस अवस्था में नींद पूरी नहीं होती जिससे व्यक्ति को दिन में भी थकान लगती रहती है।

नींद की जांच के स्लीप लैब सिर्फ बड़े शहरों में

नींद की जांच के लिए स्लीप लैब जाना पड़ता है जो सिर्फ बड़े शहरों में ही उपलब्ध हैं। इसमें मरीज को एक यंत्र से जोड़ दिया जाता है जो नींद में चल रहीं गतिविधियों को संकलित करता है। इसका विश्लेषण करके उचित उपचार बताता है जो वजन कम करने, नींद के दौरान एक मशीन का उपयोग करने और ऑपरेशन तक हो सकता है।

करवट लेकर सोना

तनाव होने पर या सोने से पहले झूठ बोलने से खर्राटे आने का खतरा हो सकता है। अगर पीठ के बल या सीधी अवस्था में सोते हैं तो भी खर्राटे की संभावना होती है लेकिन करवट लेकर सोने से खर्राटे होने का खतरा कम हो जाता है।

शराब और धुम्रपान से दूर रहे – Alcohol and Smoking

नींद की गोलियां जिनमें एल्कोहल होता है उसका सेवन करने से तनाव बढऩे का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है, इसके साथ ही जबड़े की मांसपेशिया कड़ी हो जाती है। जिससे खर्राटे की समस्या शुरू हो जाती है कभी कभी गोलियों में यह सामग्री खर्राटो (Snoring) को कम करने का भी काम करती है खर्राटे हृदय रोग से जुड़ा हुआ असुरक्षित मुद्दा है इसलिए किसी भी समय एक दूसरे के साथ कभी नही किया जाना चाहिए अगर गोलियों के साथ शराब का सेवन कर रहे है तो इसका असर उल्टा होता है।

कम वजन

शरीर का वजन ज्यादा है तो सोने से विशेष रूप से गर्दन की मांसपेशियो पर दवाब की स्थिति बनती है, जिससे खर्राटे की समस्या हो जाती है।

दमा एलर्जी

रोगियों को संभवतया दमा एलर्जी की प्रतिक्रिया हो रही है या वे सो रहे है और होटों से हवा ले रहे है तो खर्राटे बढ़ सकते हैं।

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खर्राटों से बचाव को बरतें ये उपाय – Home Remedies to Stop Snoring

खर्राटों की समस्या से छुटकारा पाने के लिए नाक का रास्ता साफ रखना होगा। नाक का रास्ता साफ रखने के लिए किसी डीकंजेस्टेन्ट का प्रयोग कर सकते हैं। आजकल बाजार में नाक की स्ट्रिप भी मौजूद है।

आसपास के वातावरण को नम बनाएं

यह आवश्यक है कि बेडरूम का वातावरण नम रहे। हवा सूखी होने से नाक के मेंब्रेन में परेशानी हो सकती है। इस प्रक्रिया में गले में भी खुजली और परेशानी होती है।

पीठ के बल सोने पर

अधिकांश लोग पीठ के बल सोते हैं। ऐसे में भी खर्राटे की हरकत होती है। इससे सोने की आदतों में सुधार करके निबटा जा सकता है।

हर हाल में खर्राटे

कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो कैसे भी सोएं, वे हर हाल में खर्राटे (Kharate) लेते हैं। यदि ऐसा है तो इसका इलाज अवश्य करवाइये।

ऐसे करें सुधार

सोने की पोजीशन बदलना होगी। सोते समय सिर को चार इंच ऊपर उठाकर रखने से सांस लेने में मदद मिलेगी। इससे जीभ और जबड़े को आगे आने में सहायता होगी। पीठ के बल नहीं सोना चाहिए।

खर्राटे का आर्युवेदिक इलाज

आर्युवेदिक में गले के ऐसे कई व्यायाम हैं जिनसे खर्राटे (Kharate – Snoring) लेना काफी कम हो जाता है। यह आवश्यक है कि आप ये व्यायाम हर रोज 30 मिनट तक करें। यह एक प्रभावी तरीका है जिससे कि खर्राटे लेने की प्रक्रिया को कम कर सकते हैं।

इसके लिए वॉवेल या स्वरों की आवाजों का उच्चारण करना होगा। इस प्रक्रिया में जीभ काफी मुड़ेगी जिससे ऊपर के सांस लेने के स्थान की मांसपेशियां मजबूत होंगी। इस व्यायाम से खर्राटों से काफी हद तक छुटकारा मिल सकता है।

गरारे करें

यदि नाक के टिश्यून में कुछ समस्या है तो सोने से पहले नमक वाले पानी से गरारे करके सोएं। दूसरा रास्ता नाक को साफ रखने का है। इससे आपको सम्य व श्वाास लेने में मदद मिलेगी।

सोने का निश्चित समय रखें

खर्राटे रोकने के लिए आवश्यक है कि सोने का कोई निश्चित समय हो। सही समय पर सोने जाएं और इसे न बदलें। इससे अवश्य लाभ मिलेगा।

Disclaimer: लेख में दिए गए सुझाव और टिप्स सिर्फ सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी तरह के सवाल या परेशानी हो तो फौरन अपने डॉक्टर से सलाह करें।

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